कितनी ही याद आएगी तेरी, एक दिन भूल जाऊंगा, देखना अब मैं कभी लौटकर नहीं आऊंगा। अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें “मैं तन्हा हूँ शायद इसलिए, क्यों की दिल नहीं भरोसा टूटा है।” यह भी पढ़ें : गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी, जो बच्चों को https://youtu.be/Lug0ffByUck