जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो । जय जय जय हनुमन्त अगाधा, दु:ख पावत जन केहि अपराधा । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई, पांय परौं कर जोरि मनाई । Irrespective of his mischief, Hanuman’s coronary heart was https://felixwoevk.bloggerchest.com/32684473/considerations-to-know-about-panchmukhi-hanuman